Wednesday, August 19, 2020

Sanskrit puzzle

|| *ॐ* ||
    " *सुभाषितरसास्वादः* "
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    " *प्रहेलिकाः* " ( २०६ )
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    *श्लोक*----
    " गृहाङ्गणे  वा  ललितोद्याने 
     सञ्चलनं  मम  चाग्रे ।
    बालबालिकाः मय्यनुरक्ताः
     वारयितुं  तान्  कः खलु  शक्तः ?
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     *अर्थ*----
      गृह  के  अङ्गण  में  या  उद्यान  में , बालक  और  बालिका  मेरे  आगे  पिछे  ही  रहते  है ।  और  वह  मुझपर  बहुत  ही  अनुरक्त  भी  रहते  है।
   मुझसे  उनको  दूर  कोई  नही  कर  सकता ।
    तो  मैं  कौन  हूँ  ?
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    *गूढ़ार्थ*----
   पुष्पम् 
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    *卐卐ॐॐ卐卐*
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    डाॅ. वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे  /  महाराष्ट्र 
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