Monday, August 17, 2020

Buddhi is the real weapon - Sanskrit subhashitam

|| *ॐ* ||
     " *सुभाषितरसास्वादः* " 
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  " *धीप्रशंसा* " (२०१ )
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  *श्लोक*----
    " हस्ती स्थूलतराः स  चाङ्कुशवशः किं हस्तितुल्योऽङ्कुशः?
       दीपे  प्रज्वलते विनश्यति  तमः किं  दीपतुल्यं  तमः ? ।।
      वज्रेणाभिहताः पतन्ति  गिरयः किं  वज्रतुल्यो  गिरिः ?
     बुद्धिर्यस्य  गरीयसी  स  बलवान्  स्थूलेषु  कः  प्रत्ययः ? ।। "
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   *अर्थ*----
    इतना  बडा  हाथी  पर  वो  एक  छोटेसे  अंकुश से  काबू में  आता है , क्या अंकुश  हाथी  से  बडा  है ?
   दिया  अंधेरे  का  नाश  करता  है ,पर  क्या  दिया  का  स्वरूप  अंधेरे  इतना  विस्तीर्ण है ?
   वज्र  महापर्वत  को  धराशायी  करता  है , पर  क्या वज्र  पर्वत  जितना  थोडी  ही  है न ?
  जिसकी  बुद्धि बडी  वही  बलवान  होता  है, सिर्फ  बडे  आकार  को  क्या  देखना ?
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*गूढ़ार्थ*----
   बुद्धि  की  महिमा  यहाँ  पर  सुभाषितकार  ने  हमे  बतायी  है। किसी  बडी  चीज़  को  काबू  में  लाने  के  लिये  उतनी  बड़ी  चीज  की  हमे आवश्यकता  नही  होती ।  एक  छोटी सी  चीज  के साथ  अच्छी  बुद्धि  चाहिए  बस। " बुद्धिर्यस्य  बलं  तस्य " ।  यही  सही  है ।
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  *卐卐ॐॐ卐卐*
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 डाॅ. वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे  / महाराष्ट्र 
  




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