Monday, August 24, 2020

Greatness of listening-Sanskrit Subhashitam

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
*श्रुत्वा धर्म विजानाति श्रुत्वा त्यजति दुर्मतिम्।*
*श्रुत्वा ज्ञानमवाप्नोति श्रुत्वा मोक्षमवाप्नुयात्॥*
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
भावार्थ : *सुनकर ही मनुष्य को अपने धर्म का ज्ञान होता है, सुनकर ही वह दुर्बुद्धि का त्याग करता है । सुनकर ही उसे ज्ञान प्राप्त होता है और सुनकर ही मोक्ष मिलता है।*

No comments:

Post a Comment