||ॐ||
" सुभाषित रसास्वाद"(२२)
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" समस्यापूर्ति"
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श्लोक---
" असारे खलु संसारे सारं श्वशुरमन्दिरम् ।
हरो हिमालये शेते हरिः शेते महोदधौ" ।।
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अर्थ----
शंकर हिमालय पर और विष्णु महासागर में क्यों शयन करते है ?
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गूढार्थ---
निरर्थक ऐसे जग में ससुर का घर बहुत ही सुखदायी है ।
पार्वती का पिता हिमालय और लक्ष्मी का जनक समुद्र ये दोनो अनुक्रम से शंकर और विष्णु के ससुर है ।
और ये दोनों भी अपने ससुर के घर शयन करते है ।
हिमालय और समुद्र दोनो जगह सुख प्राप्त होता है ।
इसलिए ससुर का घर सुख का स्थान कहा गया है ।
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卐卐ॐॐ卐卐
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डाॅ. वर्षा प्रकाश टोणगांवकर
पुणे / महाराष्ट्र
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" सुभाषित रसास्वाद"(२२)
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" समस्यापूर्ति"
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श्लोक---
" असारे खलु संसारे सारं श्वशुरमन्दिरम् ।
हरो हिमालये शेते हरिः शेते महोदधौ" ।।
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अर्थ----
शंकर हिमालय पर और विष्णु महासागर में क्यों शयन करते है ?
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गूढार्थ---
निरर्थक ऐसे जग में ससुर का घर बहुत ही सुखदायी है ।
पार्वती का पिता हिमालय और लक्ष्मी का जनक समुद्र ये दोनो अनुक्रम से शंकर और विष्णु के ससुर है ।
और ये दोनों भी अपने ससुर के घर शयन करते है ।
हिमालय और समुद्र दोनो जगह सुख प्राप्त होता है ।
इसलिए ससुर का घर सुख का स्थान कहा गया है ।
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डाॅ. वर्षा प्रकाश टोणगांवकर
पुणे / महाराष्ट्र
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