Friday, February 12, 2021

Hasyarasam - Sanskrit subhashitam

|| ॐ ||

|| सुभाषित-रसास्वादः ||[३७४]

    ''हास्यरसः''

'' आपाण्डुरा शिरसिजास्र्त्रिबली कपोले, दन्तावली विगलिता नच मे विषादः |

एणीदृशो युवतयः पथि मां विलोक्य, तातेति भाषणापराः खलु वज्रपातः||''

अर्थ—सब बाल सफेद हो गये हें, गालों पर दो-तीन झुर्रियाँ भी आयी हे| सब दांत छोडकर गये हें , पर इसका मुझे दुःख नही हें | परंतु जब कोई युवती रास्ते में मिलती हें और 'पिताजी' कहकर बुलाती हें तब मेरे हृदय में कितनी वेदनाएं होती हें यह मैं कैसे बताऊँ ? वह 'पिताजी' बुलाना मतलब मेरे लिए वज्रपात ही हें |

गूढार्थ—मनुष्य स्वभाव की सदा जवान रहने की इच्छा यहाँ पर हास्य व्यग्यं के द्वारा  सुभाषितकार ने हमे बतायी हें | अनंत काल से ही हमेशा जवान रहने की मानसिकता यहाँ पर हमे दिखाई देती है |

ॐॐॐॐॐॐ

डॉ. वर्षा प्रकाश टोणगांवकर

पुणे / महाराष्ट्र

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