Wednesday, September 2, 2020

Parvati mocks Shiva & Shiva retarded - Sanskrit subhashitam

|| *ॐ* ||
     " *सुभाषितरसास्वादः* "
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   " *पातु वः* " ( १५४) 
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   *श्लोक*---
   "  क्व  तिष्ठतस्ते  पितरौ  ममेवेत्यपर्णयोक्ते  परिहासपूर्वम् ।
     क्व  वा  ममेव  श्वशुरौ  तवेति  तामीरयन्सस्मितमीश्वरोऽव्यात्  " ।।
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*अर्थ*----
  (  शंकर  स्वयंभू  है ।  उनके  माता -- पिता  नही  है ,  इसपर  से  शंकर का  मजाक  करने  की  इच्छा  पार्वती  को  हुई ) 
   पार्वती  मजाक  से  शंकर  को  कह  रही  है " मेरे  जैसे  माता -- पिता  तो  आपको  है  ही  नही ?  " इसलिये  इस  बारे  में  आप  मुझसे  कम  ही  हो ।
  इस  प्रश्न  का  उत्तर  शंकर  ने  भी  हंसते  हंसते  दिया ।  वह  कह  रहा  है की -- " हाँ  सही  है  पर  मेरे  जैसे  सास -- ससुर  तुम्हे  भी  कहाँ  है ? 
ऐसे  हंसता  हुआ  शंकर जगत्  की  रक्षा  करे ।
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*गूढ़ार्थ* ---
 सुभाषितकार  ने  जगन्माता  और  पिता  पर  मानवीयता  का  आरोप  लगाकर  उनकी  नोंक - झोक  बहुत  ह्रदयस्पर्शी  दिखायी  है । 
 जो  जगत  के  माता -- पिता  है  उनके  कौन  माता -- पिता  हो  सकते  है ? 
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  *卐卐ॐॐ卐卐*
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डाॅ . वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे  /   महाराष्ट्र 
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