|| *ॐ* ||
" *सुभाषितरसास्वादः* "
-------------------------------------------------------------------------------------
" *सामान्यनीति*" ( २०८ )
-----------------------------------------------------------------------------------
*श्लोक*---
" " को नरकः ? " *परवशता*
" किं सौख्यम् ? " *सर्वसङ्गविरतिः* या ।
" किं सत्यम् ? " *भूतहितं*
" किं प्रेयः ? " *प्राणिनाम्असवः* ।। ( *शंकराचार्य* )
-------------------------------------------------------------------------------------
*अर्थ*----
नरक कौनसा ? " पारतंत्र्य "।
सुख की व्याख्या क्या ? " सब आसक्ति का नष्ट होना ।
सत्य क्या ? " प्राणीमात्रों का हित " ।
सब प्राणियों की सबसे प्रिय चीज क्या ? " उनके प्राण "।
---------------------------------------------------------------------------------------
*गूढ़ार्थ*----
शंकराचार्य की एक एक अक्षर भी हमे बहुत ज्ञान देता है, और यहाँ पर तो पुरा श्लोक ही सुभाषितकार ने हमारे लिये दिया है ।
यहाँ चार प्रश्नों के चार उत्तर दिये है । पढना तो बडा आसान है किन्तु उसपर अंमल करना कठीन। हर एक उत्तर के कई अर्थ निकल रहे है । सोच कर देखो ।
------------------------------------------------------------------------------------
*卐卐ॐॐ卐卐*
------------------------------
डाॅ. वर्षा प्रकाश टोणगांवकर
पुणे / महाराष्ट्र
---------------------------------------
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
No comments:
Post a Comment