"उत्तमा आत्मनाख्याताः पितृख्याताश्च मध्यमाः ।
अधमा मातुलख्याताः श्वशुराच्चाधमाधमाः"।।
अर्थ---
जो खुद के कर्तृत्व के कारण प्रसिद्ध होते है , वह उत्तमजन कहलाते है। जो अपने पिता के कारण पहचाना जाता है और प्रसिद्धि पाता है वह लोग मध्यम जन होते है । जो लोग मातुल कुल से जाने जाते है और मातुलकुल के कारण कीर्ति अर्जित करते है वह अधम जन होते है । और जो ससुर के नाम से जाने जाते है और प्रसिद्धि के लिए ससुर का आश्रय लेते है वह तो अधम से भी अधम जन कहलाते है।
डाॅ. वर्षा प्रकाश टोणगांवकर पुणे / महाराष्ट्र
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