तिष्ठन्ति कण्टकाः तावद्
यावज्जीवन्ति पादपाः।
शीघ्रं पतन्ति पुष्पाणि
दुर्जना दीर्घजीविनः।।
काण्टे तब तक पेड़ पर बने रहते हैं जब तक पेड़ जीवित रहता है।फूल बहुत जल्दी झड़ जाते हैं।सत्य है, दुष्टों की आयु लम्बी होती है ।
--- मार्कण्डेयो रवीन्द्र:
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