Thursday, May 2, 2019

How to do Rama navami pooja ? - Sanskrit

ॐ श्री रां रामाय नमः।। राम नवमि पूजा विधिः।। 
🌷🌷 कालाम्बोधर कान्तिकान्तं अनिषं वीरासनाध्यासिनं। मुद्रां ज्ञानमयीं दधानं अपरं हस्ताम्बुजं जानुनि। सीता पार्श्वगतां सरोरुहकरां विद्युन्निभां राघवं । पश्यन्तं मुकुटाङ्गदादि विधा कल्पोज्वलांगं भजे।। 
वैदेही सहितं  सुरदृमतले हैमे महामंटपे। मध्ये पुष्पकमासने मणिमये वीरासने सुस्थितं। अग्रेवाचयति प्रभञ्जनसुते तत्वं मुनिभ्यः परं। व्याख्यान्तं भरतादिभिः परिवृतं रामं भजे श्यामलं।। 
वामे भूमिसुता पुरश्च हनुमान् पश्चात् सुमित्रासुतः। शतृघ्नो भरतश्च पार्श्वदलयोः वाय्वादिकोणेषुच ।सुग्रीवश्च विभीषणश्च युवराट् तारासुतो जांबवान् ।मध्ये नीलसरोज कोमलरुचिं रामंभजे श्यामलम्
 ।। कोमलाङ्ग विशालाक्षं इन्द्रनील समप्रभं। दक्षिणांगे दशरथं पुत्रापेक्षणं तत्परं। पृष्ठतो लक्ष्मणं देवं सच्छत्रं कनकप्रभं। पार्श्वे भरत शतृघ्न चामर व्यजनान्वितौ। अग्रेत्यग्रौ हनूमन्तं रामानुग्रह काङ्किणम् ।। इन्द्रनील मणिसन्निभदेहं वन्द्यमान चरणं मुनिबृन्दैः । लम्बमान तुलसी वनमालं चिन्तयामि सततं रघुवीरम्।। रक्ताम्बोज दलाभिरामनयनं पीतांबरालंकृतं । श्यामाङ्गं द्विभुजं प्रसन्नवदनं श्री सीतया शोभितं। कारुण्याऽमृतसागरं प्रियगणैः भ्रात्रादिभिः भावितं। वन्दे विष्णु शिवादि सेव्यमनिशं भक्तेष्ट सिद्धिप्रदं ।। सपरिवार श्री राम चन्द्र परब्रह्माणं ध्यायामि।। 🌷
 सहस्रशीर्षा... रां रामाय नमः.. आवाहनं ..  विश्वेशं जानकीजानिं विश्वरूपंविभुं।कौसल्यातनयं विष्णुं श्रीरामं प्रकृतेःपरं । आगच्छ जानकीनाथ जानक्या सह राघव। गृहाण मम पूजांच वायुपुत्रादिभिर्युतः।। उद्भवस्थितिसंहार कारिणीं क्लेशहारिणीं। सर्व श्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं रामवल्लभाम्।। श्री लक्ष्मण नमस्तुभ्यं इहाऽगचछ सहप्रियः। याम्य भागे समातिष्ठ पूजनं संगृहाण मे।। श्री भरत नमस्तुभ्यं इहाऽगचछ सहप्रियः। पीठस्योत्तरे भागे तिष्ठ पूजां गृहाण मे।। श्री शतृघ्न नमस्तुभ्यं इहाऽगचछ सहप्रियः। पीठस्य पश्चिमे भागे पूजनं संगृहाण मे।। श्री हनुमन् नमस्तुभ्यं इहाऽगचछ कृपानिधे। रामस्य पुरतो तिष्ठ पूजनं संगृहाण मे।। 🌷🌷

 स्वागतम्..... श्री रामाऽगच्छ भगवन्न् रघुवीर नृपोत्तम। जानक्या सह राजेन्द्र सुस्थिरो भव सर्वदा।। राम चन्द्र महेश्वास रावणांतक राघव। यावत् पूजां समाप्सेऽहं तावत्वं सन्निधो भव।। रघुनायक राजर्षे नमो राजीवलोचन। रघुनन्दन मे देव श्रीराम अभिमुखोभव।।🌹
 पुरुषएवेदग्ं... रां रामाय नमः... रत्न सिंहासनं...  रत्न सिंहासनारूढ सर्व भूपाल वंदित। आसनं ते मयादत्तं प्रीतिं जनयतु प्रभो।। राजाधिराज राजेन्द्र राम चन्द्र महीपते। रत्नसिंहासनं तुभ्यं दास्यामि स्वीकुरु प्रभो।। सुवर्ण रचितं राम दिव्यास्तरण शोभितं। आसनं हि मयादत्तं गृहाण मणि चित्रितम्।। 🌷
 एतावानस्य... रां रामाय नमः..  पाद्यं...  पादाङ्गुष्ठ समुद्भूत गंगापावित विष्टप । पाद्यार्थं उदकं राम ददामि परिगृह्यतां। त्रैलोक्य पावनानन्त नमस्ते रघुनायक। पाद्यं गृहाण राजर्षे नमो राजीवलोचन।। 🌷
 त्रिपादूर्ध्व... रां रामाय नमः.. अर्घ्य..  वालखिल्यादिभिः विप्रैः त्रिसंध्यं प्रयतात्मभिः। अर्घ्यैः आराधित विभो मम अर्घ्यं राम गृह्यताम्।। परिपूर्ण परानन्द नमो रामाय वेधसे। गृहाण अर्घ्यं मया दत्तं कृष्ण विष्णो जनार्दन।। 🌷
 तस्माद्विराड... रां रामाय नमः.. आचमनीयं...  आचान्ताम्बोधिना राम मुनिना परिसेवित मयादत्तेन तोयेन कुरु आचमनं ईश्वर।नमः सत्याय शुद्धाय नित्याय ज्ञान रूपिणे। गृहाण आचमनं राम सर्व लोकैक नायक।। 🌷
 यत् पुरुषेण..  रां रामाय नमः... मधुपर्कं...  कामधेनु समुद्भूत क्षीरेणेन्द्रेण राघव अभषिक्त अखिलार्थाऽप्त्यै स्नाहि मद्दत्त दुग्धतः । नमः श्री वासुदेवाय तत्वज्ञान स्वरूपिणे। मधुपर्कं गृहाण इदं जानकी पतयेनमः।। 🌷
 याःफलिनीर्या.... रां रामाय नमः.. पञ्चाशतं...  पञ्चामृतं मयानीतं पयोदधि घृतंमधु ।शर्करा सहितं चैव राम त्वं प्रतिगृह्यताम्।।   🌷  सप्तास्यासन्... रां रामाय नमः... स्नानं..  नदीनद समुद्रादि तोयैःमंत्राऽभिसम्स्कृतैः ।पट्टाभिषिक्त राजेन्द्र स्नाहि शुद्ध जलेन मे। ब्रह्माण्डोऽदर मध्यस्थैः तिथैश्च रघुनन्दन । स्नापयिष्यामि अहं भक्त्या त्वं गृहाण जनार्दन।। 🌷छ
तंयज्ञं ...रां रामाय नमः...  वस्त्रोत्तरीयं...  हित्वा पीतांबरं चीर  कृष्णाजिनधर अच्युत । परिधत्स्व अद्य मे वस्त्रं स्वर्णसूत्र विनिर्मितं। तप्तकाञ्चन संकाशं पीतांबरं इदंहरे ।संगृहाण जगन्नाथ राम चन्द्र नमोऽस्तुते।। 🌷
 तस्माद्यज्ञात्... रां रामाय नमः,.. यज्ञोपवीतं... राजर्षि वंश तिलक राम चन्द्र नमोऽस्तुते। यज्ञोपवीतं विधिना निर्मितं धत्स्व मे प्रभो। श्री राम अच्युत देवेश श्रीधर अनन्त राघव। ब्रह्मसूत्रंचोत्तरीयं गृहाण रघुनन्दन।। 🌷 तत्सुवर्णग्ं... रां रामाय नमः.. आभरण आदि...  किरीटाऽऽदीनि राजेन्द्र हंसकान्तानि राघव। विभूषणानि धृत्वा अद्य शोभस्व सह सीतया।। 🌷 तस्माद्यज्ञात्.. ऋचस्सा.. रां रामाय नमः...  गन्धाक्ष

तान्..  सन्ध्यासमान रुचिना नीलाऽभ्र समविग्रह। लिपामि ते अङ्गकं राम चन्दनेन मुदाहृदि। कुङ्कुमागरु कस्तूरी कर्पूरं चन्दनं तथा। तुभ्यं दास्यामि राजेन्द्र स्वीकुरु प्रभो।। 🌷 अक्षतान् कुङ्कुमोन्मिश्रान् अक्षय्यफल दायक ।अर्पये तव पादाब्जे शालितण्डुल संभवान्।।
 तुलसी कुन्द मन्दार पारिजात अम्बुजैः युतां ।वनमालां प्रदास्यामि गृहाण जगदीश्वर।
तस्मादश्वा ... रां रामाय नमः... पुष्पमालिकां... पुष्पैः...  पुन्नागैः जलजैः तुलसीदलैः ।पूजयामि रघूत्तंस पूज्यं त्वां सनकादिभिः। तुलसी कुन्द मन्दार जाजी पुन्नाग चम्पकैः। कदम्ब करवीरैश्च कुसुमैः शतपत्रकैः। जलाम्बुजैः बिल्वपत्रैश्च चम्पकैः राघवं विभुं। पूजयिष्यामि अहं भक्त्या संगृहाण जनार्दन।। 🌷                    अष्टोत्तरशतं, सहस्रनामभिः अर्चना। 🌷
 यत्पुरुषं... रां रामाय नमः...  धूपः.. चन्दनागरु कस्तूरी चन्द्र गुग्गुलु संयुतं।धूपं गृहाण वरद धूतपाप नमोऽस्तुते। वनस्पति रसोद्भूतः गंधाढ्यः गंध उत्तमः। राम चन्द्र महीपाल धूपोयं प्रतिगृह्यताम्।। 🌷
 ब्राह्मणोस्य... रां रामाय नमः....  दीपः   दीपं गृहाण देवेश वर्ति त्रय समन्वितं। अन्धकारे नमस्तुभ्यं अज्ञानं विनिवर्त्तय। ज्योतिषां पतये तुभ्यं नमो रामाय वेधसे। गृहाण दीपकं चैव त्रैलोक्य तिमिरापह।। 🌷
 चन्द्रमामनसो... रां रामाय नमः...र नैवेद्यं शाल्यन्नं पायसादीनि मोदकांश्च फलानि च। नैवेद्यं संगृहाणेश नित्यतृप्त नमोऽस्तुते।। इदं दिव्यान्नममृतं रसैःषड्भिः समन्वितं। राम चन्द्रेश नैवेद्यं सीतेश प्रति गृह्यताम्।। 🌷
 नाभ्याऽऽसी.... रां रामाय नमः.. ताम्बूलं... पूगीफल समायुक्तं नागवल्ली दलैर्युतं । कर्पूरचूर्ण संयुक्तं ताम्बूलं प्रति गृह्यताम्। नागवल्ली दलैःयुक्तं पूगीफल समन्वितं ।ताम्बूलं गृह्यतां राम कर्पूरादि समन्वितम्।। 🌷
 वेदाहमेतं... रां रामाय नमः... नीराजनम्... चिन्मयानन्द रूपाय सीतायाः पतये नमः। नमो देवाधि देवाय रघुनाथाय शार्ङ्गिणे। मंगलार्धं महीपाल नीराजनमिदंहरे। संगृहाण जगन्नाथ राम चन्द्र नमोऽस्तुते।। 🌷
 धातापुरस्तात्... रां रामाय नमः.. मंत्रपुष्पं....  सर्वलोक शरण्याय राम चन्द्राय वेधसे। ब्रह्मानन्दैकरूपाय सीतायाः पतये नमः।। 🌷🌷
 यज्ञेन... रां रामाय नमः... प्रसन्नार्घ्यं...  अशोक कुसुमैर्युक्तं रामार्घ्यं च निवेदये। दशानन वधार्थाय धर्म संस्थापनायच राक्षसानां विनाशाय दैत्यानां निधनायच। पवित्राणाय साधूनां जातो रामः स्वयं हरिः। गृहाण अर्घ्यं  मया दत्तं भ्रातृभिः सहितोऽनघ।। 🌷



 नृत्यैः गीतैश्च वाद्यैश्च पुराण पठनादिभिः। राजोपचारैः अखिलैः संतुष्टो भव राघव। छत्रादि उपचारः🌷
श्री राम चन्द्र रघुपुङ्गव राज वर्य राजेन्द्र राम रघुनायक राघवेश। राजाधिराज रघुनन्दन राम चन्द्र दासोहमद्य भवतः शरणागतोऽस्मि।।
रामं रामं हयग्रीवं भीमं रौद्रं भवोद्भवं। श्रीपतिं श्रीधरं श्रीशं मङ्गलं मङ्गलायुतम् ।।
श्रीरामराम रघुनन्दन राम राम। श्रीराम राम भरताग्रज राम राम। श्रीरामराम रणकर्कश राम राम। श्रीरामराम शरणं भव राम राम।। 🌷श्री राम चन्द्र चरणौमनसा स्मरामि। श्री राम चन्द्र चरणौवचसागृणामि। श्री राम चन्द्र चरणौ शिरसा नमामि। श्री राम चन्द्र चरणौ शरणं प्रपद्ये।। 🌷
मङ्गलं कोसलेन्द्राय महनीय गुणात्मने। चक्रवर्त्ति तनूजाय सार्वभौमाय मङ्गलम्।। प्रार्थना.. प्रदक्षिणा... नमस्कारान्  समर्पयामः।। 🌷🌷 संकलनम् मञ्जुनाथः मुंबई।

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