Monday, December 9, 2019

Gita Jayanti - Sanskrit poem

गीताजयन्तीनिमित्तम्
*****************
या कृष्णास्यसरोजगर्भतनया व्यासेन संवर्द्धिता
युद्धक्षेत्रसुनर्त्तकी मधुरगीर्दुर्योधनत्रासदा।
पार्थप्राणविनोदिनी रसवती साम्राज्यपुत्रप्रदा
तां वन्देऽखिललोकशोकशमनीं गीतां निगूढार्थिकाम् ।।
(व्रजकिशोरः)
  

No comments:

Post a Comment