५७६ . ।। आचरणं ।।
नापृष्टः कस्यचिद् ब्रूयान्न चान्यायेन पृच्छतः ।
जानन्नपि हि मेधावी जडवल्लोक आचरेत् ॥
व्यक्तीने कोणी विचारल्या शिवाय सल्ला देऊ नये . तसेच कोणी अन्ययाने वा कपटबुद्धीने काही विचारत असेल , तरीही काही बोलू नये . बुद्धीमान व्यक्तीने अशांसमोर अज्ञानी असल्यासारखे वागावे .
व्यक्ति को किसी के बिना पूछे ही नहीं बोलना चाहिए । तथा यदि कोई अनीति से एवं अन्यायपूर्वक प्रश्न करे , तब भी नहीं बोलना चाहिए । ज्ञानवान् होकर भी उन के समक्ष मूढ़ के सदृश आचरण करना चाहिए ।
A person should not explain anything , unless asked . Nor answer a person whose intention is improper . Let a wise man , though he knows , behave, as if, an idiot .
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