|| *ॐ* ||
" *सुभाषितरसास्वादः* "
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" *कूटप्रश्नः* " ( कोड ) ( ६१ )
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*श्लोक*-----
" य एवादि स एवान्तः मध्ये भवति मध्यमः ।
य एतन्नाभिजानाति तृणमात्रं न वेत्ति सः " ।।
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*अर्थ*----
जिसके आरंभ में य अक्षर है , जिसके अन्त में स अक्षर है ।
जिसका मध्य अक्षर भवति इस शब्द के बीच में का है ।
जिसको इसका उत्तर नही आयेगा उसको काडी ( तिल्ली ) जितना भी ज्ञान नही ऐसा कहना पडेगा ।
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*गूढ़ार्थ*------
यवस' अर्थात गवत!
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डाॅ. वर्षा प्रकाश टोणगांवकर
पुणे / महाराष्ट्र
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