Monday, November 5, 2018

Sanskrit puzzle

|| *ॐ* ||
   " *सुभाषितरसास्वादः* "
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  " *प्रहेलिकाः* " ( २३३ )
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   *श्लोक*----
   अयं  न  भक्तो  न  च  पूजको  वा 
   घण्टां  स्वयं  नादयते  तथापि ।
   धनं  जनेभ्यः  किल  याचतेऽयं 
   न  याचको  वा  न  च  निर्धनो  वा 
तर्हि वदत , सः कः ? " ।।
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    *अर्थ*---
  यह  भक्त  या  पूजक  नही  है , फिर  भी  घण्टा  वादन  करता  है ।
  लोगों  से  धन  की  याचना  करता  है  फिर  भी  याचक  नही  है ।
  और  निर्धन  भी  नही  है ।
तो  यह  कौन  है ?
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   *गूढ़ार्थ*---लोकयानवाहकः।-------------------------------------------------------------------------------------
*卐卐ॐॐ卐卐*
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डाॅ. वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे / नागपुर  महाराष्ट्र 
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3 comments:

  1. Sir what is meant by लोकयानवाहक ?

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  2. This श्लोक is taken from काव्यप्रवाह, composed by श्री सदाशिव त्र्यंबक रहातेकर

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