*आर्ता देवान् नमस्यन्ति,*
*तप: कुर्वन्ति रोगिण: ।*
*निर्धना: दानम् इच्छन्ति,*
*वॄद्धा नारी पतिव्रता ॥*
*अर्थात्👉*
संकट में लोग भगवान की प्राार्थना करते है, रोगी व्यक्ति तप करने की चेष्टा करता है । निर्धन को दान करने की इच्छा होती है तथा वॄद्धा स्त्री पतिव्रता होती है ।
👉लोग केवल परिस्थिति के कारण अच्छे गुण धारण करने का नाटक करते है ।लेकिन जो परिस्थिति के बिना भी अच्छे गुणों को सदैव रखता है वहीं श्रेष्ठ व्यक्तित्व कहा जा सकता है। 🙏🌼
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