Wednesday, January 29, 2025

On mahalakshmi - Sasnkrit poem

श्रीमहालक्ष्म्यै नमः
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पद्मा पद्मधरा सुपद्मनिलया पद्मानना पद्मिनी
पद्माक्षी धनरत्नभूषितभुजा द‍ारिद्र्यविध्वंसिनी ।
माता ब्रह्ममयी समुद्रदुहिता विश्वेश्वरी वैष्णवी
पाहि त्वं कमले नमामि सततं संसाररक्षाकरी॥
                     (व्रजकिशोरः)

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