आयुर्वित्तं गृहच्छिद्रं मंत्रमैथुनभेषजम्। दानमानापमानं च नवैतानि सुगोपयेतू।।" अर्थात व्यक्ति को अपनी आयु, ग्रह और गृह के दोष, मंत्र, मैथुन, धन, औषधि, दान, मान सम्मान, अपमान और अपनी अयोग्यता को छुपाकर रखना चाहिए अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
Shukra neeti
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