Wednesday, November 24, 2021

Punya, kapha, debtless - Sanskrit puzzle

|| *ॐ* ||
    " *सुभाषितरसास्वादः* "
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    " *समस्यापूर्ति* " ( १५३ )
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   *श्लोक*---
 " आषाढी  कार्तिकी  माघी  वचा  शुण्ठीः  हरीतकी ।
    गयायां  पिण्डदानेन  पुण्या  श्लेष्महरानृणी " ।। 
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*अर्थ*----
आषाढी ,  कार्तिकी ,  माघी , वेखण्ड , शूण्ठ ,  हिरडा ,  गया  में  किया  गया  पिण्डदान  यह  सब  चीजें  पुण्यकारक  होकर  कफ का  हरण  करनेवाले और  ऋणमुक्त  करनेवाले  भी  है  । ( यह कैसे ? )
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*गूढ़ार्थ*----- 
आषाढी ,  कार्तिकी ,  माघी ? = पुण्यप्रद।  ( वचा ) वेखण्ड ( हारीतकी ) हिरडा , शुण्ठी = ( श्लेष्म ) कफनाशक ।  गया  में  किया  गया  पिण्डदान  = अनृण ( ऋणमुक्त करने  वाला )
अब  समस्या  हल  हो  गयी ? चौथा  चरण  पहले  तीन  प्रश्नों  का  उत्तर  है।
आषाढी , कार्तिकी  और  माघी  यह  तिथियाँ  चौथे  चरण  का  पहला  अक्षर  = पुण्या । वेखण्ड , हिरडा , शूण्ठी = श्लेष्महारिणी। गया में  किया गया  पिण्डदान कैसा  होता  है = अनृण ।
है  न  मजेदार ?
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*卐卐ॐॐ卐卐*
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डाॅ. वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे  /  महाराष्ट्र 
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