Tuesday, June 2, 2020

Shringar ras - Sanskrit Subhashitam

|| *ॐ* ||
   " *सुभाषितरसास्वादः* " 
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    " *श्रृंगाररसः प्रकरणम्* " ( १८५ )
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    *श्लोक*---
   " एकं  वस्तु  द्विधा  कर्तुं  बहवः  सन्ति  धन्विनः ।
     धन्वी  स  मार  एवैको  द्वयोरैक्यं  करोति  यः " ।।
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   *अर्थ*----
    जग  में  अनेक  वीर  है  जो  एक  वस्तू  के  दो  करते  है पर  वह  कामदेव  मात्र  अलग  ही  योद्धा  है ।  जो   दो  व्यक्तियों  को  एक  करता  है ।  वीर  के  प्रहार  के  कारण  एक  व्यक्ति  के  दो  हो  जाते  है । इसलिये  वह  परमवीर  नही  है क्या ?
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*गूढ़ार्थ*---- 
जो  शूरवीर  होता  है  वह  उसके  तलवार  से  एक  के  दो  टुकड़े   कर  देता  है  पर  कामदेव  के  हाथ  में  न  तो  कोई  शस्त्र  है और न ही कोई अस्त्र  फ़िर  भी  वह  दो प्रेमीयों को  एक  कर  देता  है । तो  असली  परमवीर  कामदेव  ही  ठहरा  न ?
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   *卐卐ॐॐ卐卐*
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डाॅ. वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे  /   महाराष्ट्र 
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