Friday, February 21, 2020

Crow cannot becoma hamsa - Sanskrit subhashitam

|| *ॐ* ||
    " *सुभाषितरसास्वादः* "
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     " *काकान्योक्ति* " ( १३२ )
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    *श्लोक*---
    " काकस्य  गात्र  यदि  काञ्चनस्य
       माणिक्यरत्नं  यदि  चञ्चुदेशे ।।
एकैकपक्षे  ग्रथनं  मणीनां  
      तथाऽपि  काको  न  तु  राजहंसः " ।।
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*अर्थ*---
   कौऐ  का शरीर  यदि  सोने  का  किया  जाय , उसकी  चोंच रत्न  की  जाय  , और  दोनों  पंखों पर  रत्न जड  दिये  जाय  तो  भी  वह  राजहंस  नही  होनेवाला ।   
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*गूढ़ार्थ*----
कौआ  कितना  भी  सजधजकर  तयार  हो  जाये  पर  वह  कभी  राजहंस  नही  हो  सकता ।  क्योकि  राजहंस  का  नीरक्षीरविवेक  वाला  गुण  कौए  में  नही  रहता  ।  समाज  में  ऐसे  लोग  होते  है  जो  सौन्दर्य  तो  खरीद  सकते  है  पर  गुण  नही । और  गुणों  से  ही  आदमी  श्रेष्ठ  बनता  है न कि सौन्दर्य  से ।
मराठी  में  तुकाराम  का  प्रसिद्ध  वचन ----
"  येथे पाहिजे  जातीचे  ऐर्या   गबाळ्याचे   काम  नोहे "
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*卐卐ॐॐ卐卐*
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डाॅ. वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे /   महाराष्ट्र 
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