"प्रहेलिकाः(कोडे)
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श्लोक---
"सर्वस्वापहरो न तस्करगणो रक्षो न रक्तनाशनः
सर्पो नैव बिलोशयोऽखिलनिशाचारी न भूतोऽपिच।
अन्तर्धानपटुर्न सिद्धपुरुषो नाप्यशुगो मारूतः
तीक्षास्यो न तु सायकस्यमिह ये जानन्ति ते पंडिताः"।।
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अर्थ--
वह सब का सर्वस्व (सार) अपहरण करनेवाला है किन्तु वह चोर नही है। रक्त पिता है पर वह राक्षस नही है । बिल में रहता है पर सांप नही। रात्री विचरण करता है पर भूतप्रेत नही । गायब भी होता है पर सिद्ध पुरुष नही । जल्दी ज़ल्दी भागता है पर वायु नही । उसका मुख तीक्ष्ण है पर बाण नही ।
इसका उत्तर जो जानता है वही पंडित है।
आप ही बता दो
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