Friday, May 24, 2019

Summer season - Sanskrit sloka

ग्रीष्मोष्णतप्ता जलदेन शान्ता
वातेन शान्ताsस्ति च वारिधारा।
वातस्तथा वारिद एव यस्मिन्
लीयेत ईशाय नमोsस्तु तस्मै।।
भावार्थः- प्रचण्ड ग्रीष्मप्रवाहसे पीडित मानव मेघ से शान्ति पाता हैं, प्रबल वारिधारा यो गरमी को नाश करती है वह भी पवनसे दूर चली जाती हैं। य मेघ और पवन दोनो जहाँ लीन होतेहैं वही जगत्के स्वामी सदाशिव को प्रणाम। वही प्रचण्ड गरमी से जगत्को रक्षा करे।
जयजगन्नाथ। सुप्रभातम्।
बुद्धेश्वरषडङ्गी।

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