जलार्द्रः शीतलो वायुः
यदनुभूयते मया।
रोदनं क्रन्दनं नूनं
कांग्रेसापसपादीनाम्।।
ये जो सिल्ली सिल्ली आंदी ए हवा,
कोई (कांग्रेस, आप,सपा) रोंदा होवेगा।
----मार्कण्डेयो रवीन्द्र:
यदनुभूयते मया।
रोदनं क्रन्दनं नूनं
कांग्रेसापसपादीनाम्।।
ये जो सिल्ली सिल्ली आंदी ए हवा,
कोई (कांग्रेस, आप,सपा) रोंदा होवेगा।
----मार्कण्डेयो रवीन्द्र:
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