जयजयशंकर लोकगुरो
रागमालिका
१. मोहन आदिताळ
जय जय शंकर लोकगुरो
भयहर शंकर भुवनगुरो || प ||
निर्गुणसगुणाकार गुरो |
निर्गत निखिलाकार गुरो |
सर्गस्थिति संहार गुरो |
सर्गादित्रय दूर गुरो || १ ||
सुरभूसुर संतोष गुरो |
नरतनु मायावेष गुरो |
दुरितव्रात भ्रेष गुरो |
सुरुचिर भारतभूष गुरो || २ ||
कालदेशमिति दूर गुरो |
कालडिकलितशरीर गुरो |
क्षालित सर्वविकार गुरो |
बालशंकराकार गुरो || ३ ||
शिवगुरु पर संमोद गुरो |
अविरत परमाह्लाद गुरो |
सुविदित विद्याभेद गुरो |
कविजनतोष विनोद गुरो || ४ ||
२. कांबोधि
आर्यांबा सुप्रीत गुरो |
चर्यानिष्ठापूत गुरो |
मर्यादा स्थिति नाथ गुरो |
तुर्याश्रम विख्यात गुरो || ५ ||
गुरुगोविंद छात्र गुरो |
गुरुकरुणामृत पात्र गुरो |
सुरवरपूज्य चरित्र गुरो |
परिचित काशीक्षेत्र गुरो || ६ ||
प्रस्थानत्रय भाष्य गुरो |
स्वस्थानेच्छ्वभिलाष्य गुरो |
विस्तृतवेद सुजोष्य गुरो |
उत्तमशिष्यान्वेष्य गुरो || ७ ||
अध्यारोप निरास गुरो |
विद्याशक्ति विलास गुरो |
सद्योमुक्ति निदेश गुरो |
भेद्यवाद परिहास गुरो || ८ ||
३. मध्यमावती
सुरगुरुपूजित भाष्य गुरो |
सुरेशवार्तिक तोष गुरो |
परिमार्जित गुण दोष गुरो |
परिपूर्णात्मसुवेश गुरो || ९ ||
स्थापित परमाद्वैत गुरो |
लोपित निखिलद्वैत गुरो |
ख्यापित वेदांतार्थ गुरो |
प्रापित निजपद सार्थ गुरो || १० ||
भक्ताविद्या नाश गुरो |
भक्तवेद्य परमेश गुरो |
भक्तहृद्गुहावेश गुरो |
भक्तहृदय कैलास गुरो || ११ ||
नित्य सच्चिदानंद गुरो |
नित्यनिषूदित बंध गुरो |
नित्यशुद्धनिष्पंद गुरो |
नित्यपूज्य गोविंद गुरो || १२ ||
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