Monday, April 8, 2019

Sanskrit puzzle

|| *ॐ* ||
     " *सुभाषितरसास्वादः* "
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    " *कूटप्रश्नः* " ( ३१९ )
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   *श्लोक*-----
" तातेन  कथितं  पुत्र  पुत्रं  लिख  ममाज्ञया ।
    नतेन  लिखितं  पत्रं  पितृराज्ञा  न  लङ्घिता ।।
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*अर्थ*---
पिता  ने  पुत्र  को  पत्र  लिखने  के  लिये  कहा , उसने  वह  लिखा  नही  किन्तु  पिता  की  आज्ञा  का  उल्लंघन  भी  किया  नही ।
यह  कैसे  संभव  है ?
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*गूढ़ार्थ*-----
नतेन  शब्द  का  विच्छेद  करने  के  बाद  = नतेन= न+ तेन ।
इस शब्द  के विच्छेद  के  बाद  दुसरे  चरण  का  अर्थ  उसने  पत्र  लिखा  नही  और  आज्ञा  का  उल्लंघन भी  किया  नही ।  
किन्तु  नतेन  यही  एक  शब्द  पकड के अर्थ  निकाला  तो  नतेन = नम्रतासे।  
अब अर्थ  ऐसा  निकल रहा है कि--"" उसने  नम्रतासे  पत्र  लिखा  और  पिता  की  आज्ञा  का उल्लंघन  भी किया  नही ।  
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*卐卐ॐॐ卐卐*
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डाॅ. वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे / नागपुर  महाराष्ट्र 
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