सरल-वाक्य-रामायणम् - 1 💐
(१) प्रथमः पाठः
बालकः गणेशं नमति । बालकस्य नाम अशोकः । तस्य हस्ते पुस्तकम् अस्ति । पुस्तकस्य नाम सुबोधसंस्कृतम्। अशोकः पाठशालां गच्छति, गुरुं नमति, पुस्तकं पठति च । तेन गुरुः संतुष्टः भवति । गुरवे नमः ।
(--सङ्कलितम्)
हिन्द्यनुवादः--
बालक गणेश को नमन करता है। बालक का नाम अशोक है।उसके हाथ में पुस्तक है।पुस्तक का नाम सुबोध संस्कृत है। अशोक पाठशाला जाकर गुरु को नमस्कार करता है और पुस्तक पढ़ता है। ऐसा करने से गुरु संतुष्ट होते हैं। गुरु को नमस्कार है।
---कल्पना शर्मा
💝 सरल-वाक्य-रामायणम् - 2 💐
(२) द्वितीयः पाठः ।
श्रीरामाय नमः ।
क एषः बालकः? एष बालकः रामः । रामः कस्य पुत्र अस्ति? रामः दशरथस्य पुत्रः । क एष दशरथः? दशरथ अयोध्यायाः राजा अस्ति । दशरथः रामस्य पिता । रामो दशरथं नमति ।
रामस्य माता का? रामस्य माता कौसल्या । तस्मात् कौसल्या दशरथस्य भार्या । रामः कौसल्यां
नमति । रामो मातरं नमति । रामः पितरं नमति । स मातापितरौ नमति । मातापितृभ्यां नमः ।
(--सङ्कलितम्)
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हिन्द्यनुवादः--
द्वितीय पाठ
श्रीराम को नमन।
यह बालक कौन है? यह बालक राम है। राम किसके पुत्र हैं? राम दशरथ के पुत्र हैं। यह दशरथ कौन है?दशरथ अयोध्या के राजा हैं। दशरथ राम के पिता हैं।राम दशरथ को नमन करते हैं।
राम की माता कौन हैं? राम की माता कौशल्या हैं।वह कौशल्या दशरथ की पत्नी हैं। राम कौशल्या को नमन करते हैं। राम माता को नमन करते हैं। राम पिता को नमन करते हैं। वह माता पिता को नमन करते हैं। माता पिता को नमन है।
--कल्पना शर्मा
💝 *सरल-वाक्य-रामायणम् - 6* 💐
(६) षष्ठः पाठः ।
रामः लक्ष्मणः भरतः शत्रुघ्नः च चत्वारः भ्रातरः सन्ति । सर्वे अपि शूराः गुणवन्तः च भवन्ति । तेषां रामः सर्वस्य प्रियः । विशेषतः तु रामः लक्ष्मणस्य प्रियः, बाल्यात् प्रभृति अतीव प्रियः । स अपि लक्ष्मणेन विना अन्नं न भक्षयति, निद्राम् अपि न लभते । यदा रामः अश्वम् आरोहति, मृगयायै च गच्छति, तदा लक्ष्मणः अपि चापं गृहीत्वा तम् अनुगच्छति । भरतः शत्रुघ्नस्य प्रियः । शत्रुघ्नः अपि भरतस्य बाल्यात् प्रभृति अतीव प्रियः अस्ति । तैः चतुर्भिः पुत्रैः राजा दशरथः प्रसन्नः अस्ति ।
--(सङ्कलितम्)
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हिन्द्यनुवादः--
छठा पाठ।
राम, लक्षमण, भरत और शत्रुघ्न चार भाई हैं। सभी शूरवीर और गुणों से युक्त हैँ। उनमें राम सबके प्रिय हैं। विशेषकर, राम लक्ष्मण के प्रिय हैं, बाल्यावस्था से ही अत्यंत प्रिय हैं। वह (राम) भी लक्ष्मण के बिना न भोजन ग्रहण करते और न ही निद्रा-लाभ लेते। और जब राम घोड़े पर चढ़ शिकार के लिए जाते, तब लक्ष्मण भी धनुष लेकर उनका अनुगमन करते। भरत शत्रुघ्न के प्रिय हैं। शत्रुघ्न भी भरत को बाल्यकाल से बहुत प्रिय है।उन चारों पुत्रों से राजा दशरथ प्रसन्न हैं।
--कल्पना शर्मा
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