Wednesday, December 19, 2018

Sishya gets everything by service to guru - Sanskrit subhashitam

खनित्वा  हि  खनित्रेण भूतले  वारि  विन्दति  |
तथा  गुरुगतां  विद्या  शुश्रूषुरधिगच्छति      ||

जिस प्रकार कुदाली और बेलचे की सहायता से भूमि 
को  खोद  कर   भूगर्भ से  जल प्राप्त कर लिया जाता है , वैसे ही 
एक शिष्य के द्वारा उसके गुरु के पास उपलब्ध विद्या भी गुरु 
की सेवा सुश्रूषा तथा आज्ञापालन के द्वारा ही प्राप्त की जा सकती 
है |

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