Shiva Tripathi Phd: कारक ।।
१ प्रथमा- कर्ता- ने
२. द्वितीया- कर्म- को
३. तृतीया- करण- से, के द्वारा
४. चतुर्थी- संप्रदान- को, के लिये
५. पंचमी- संबंध- का के की
६. षष्ठी- अपादान- में, पर
७. सप्तमी- संबोधन- हे अरे अहो
।। वचन ।।
एक-वचन,
द्वि-वचन,
बहु-वचन
कर्ता,
कर्म,
क्रिया,
कर्ता- अकारन्त,
(राम),
आकारान्त,
( सीता, माला गीता आदि)
कारक,
एक-वचन ।
द्वि-वचन ।
बहु-वचन ।
१ कर्ता रामः ( राम ने)
रामौ ( दो रामों ने)
रामाः ( सब रामों ने)
२ कर्म रामं ( राम को )
रामौ ( दो रामों को )
रामान् ( सब रामों को )
३ करण रामेण (राम के द्वारा )
रामाभ्यां ( दो रामों के द्वरा )
रामैः ( सब रामोंके द्वार )
४ संप्रदान रामाय( राम को या राम के लिये )
रामाभ्यां ( दो रामों को या दो रामों क लिये )
रामेभ्यः ( सब रामों को या सब रमों के लिये )
५ अपादान रामात् ( राम से, अलग होना )
रामाभ्यां ( दो रामों से, अलग होना )
रामेभ्यः ( सब रामों से या अलग होना )
६ संबंध रामस्य ( राम का )
रामयोः ( दो रामों का )
रामाणाम् ( बहुत से रामों का )
७ संबोधन हे राम ( हे राम ! )
हे रामौ ( हे रामो लोगों ! )
हे रामाः ( हे सब राम लोगों ! )
।। पुरुष ।।
एक-वचन ।
द्वि-वचन ।
बहु-वचन ।
१ अन्य-पुरुष ( वह )
सः ( वह )
तौ ( वे दोनों )
ते ( वे सब )
२ मध्यम-पुरुष ( तुम या आप )
तम ( तुम )
तौ ( तुम दोनों )
तान ( तुम सब )
३ प्रथम-पुरुष ( मैं )
अहम ( मैं )
आवाम ( हम दोनों )
वयम ( हम सब )
धातु या क्रिया ।।
"पठ" means पढ़ना
१ वह सः पठति ( वह पढ़ता है )
रामौ पठतः ( दो राम पढ़ते हैं )
रामाः पठन्ति ( सब राम पढ़ते हैं )
२ तुम त्वं पठसि ( तुम पढ़ते हो )
युवां पठतः ( तुम दोनों पढ़ते हो )
युयम पठत ( तुम सब पढ़ते हो )
३ अहं अहं पठामि ( मैं पढ़ता हूँ।)
आवाम पठावः ( हम दोनो पढ़ते हैं।)
वयम पठामः ( हम सब पढ़ते हैं।)
उदाहरण-
राम किताब पढ़ता है ।
-रामः पुस्तकं पठति ।
तुम पुस्तक पढ़ते हो
-त्वं पुस्तकम पठसि ।
मै पुस्तक पढ़ता हूँ ।
–अहं पुस्तकं पठामि ।
इसी प्रकार अन्य कर्ता,
कर्म और क्रिया को मिला कर संस्कृत सीख सकते हैं ।
स्त्री-लिंग पुल्लिंग और नपुंसक लिंग भी के को शब्द है
सबक के लिये अलग-अलग नियम हैं।
वर्तमान कल,भूतकाल और भविष्यत काल सब के लिये लागू होता है।
पुल्लिंग- अकारान्त जैसे-
राम, कृष्ण, हनुमान, मोहन, श्रीकांत, अचल आद ।।
स्त्री-लिंग-आकारान्त जैसे-
सीता, गीता, रमा, रंभा, मेनका, अचला, अबला आदि ।।
नपुंसक-लिंग- अकरान्त जैसे-
फल, वन, जल, आदि ।।
पुल्लिंग-शब्द-तद् ( वह )
एक-वचन द्वि-वचन बहु-वचन
१ सः ( वह )
तौ ( वे दोनो )
ते ( वे सब )
२ तम् ( उसको )
तौ ( उन दोनो को )
तान् (उन सबको )
३ तेन् ( उससे या उसके द्वारा )
ताभ्यां ( उन दोनों के द्वारा )
तैः ( उन सबके द्वारा )
४ तस्मै ( उसके लिये )
ताभ्यां ( उन दोनो के लिये )
तेभ्यः ( उन सब के लिये )
५ तस्मात् ( उससे, अलग होना )
ताभ्यां ( उन दोनो से )
तेभ्यः ( उन सबसे)
६ तस्य ( उसका )
तयोः ( उन दोनो का )
तेषाम् ( उन सबका )
७ तस्मिन् ( उसमें, पर )
तयोः ( उन दोनो में )
तेषु (उन सबमें )
स्त्री-लिंग-शब्द-तद् ( वह )
१ सा - ते - ताः ।
२ ताम् - ते - ताः ।
३ तया - ताभ्यां - ताभिः ।
४ तस्यै - ताभ्यां - ताभ्यः ।
५ तस्याः - ताभ्यां - ताभ्यः ।
६ तस्याः - तयोः - तासाम् ।
७ तस्यां - तयोः - तासु ।
१ वह स्त्री या लड़की ।
२ उसको ।
३ उससे या उसके द्वारा ।
४ उसके लिये ।
५ उसका ।
६ उसक ।
७ उसमे ।
पर,,,,
नपुंसक-लिंग-तद् (वह)
१ तत् - ते - तानि ।
२ तत् - ते - तानि ।
३ तेन - ताभ्यां - तः ।
४ तस्मै - ताभ्यां - तेभ्यः ।
५ तस्मात् - ताभ्यां - तेभ्यः ।
६ तस्य - तयोः - तेषाम् ।
७ तस्मिन् - तयोः - तेषु ।
१ वह वस्तु ।
२ उसको ।
३ उससे ।
४- उसके लिये ।
५ उससे ।
६ उसका ।
७ उसमें ।
पर,,,,.
पुल्लिंग-"किम्" मकारान्त शब्द ( कौन)
१ कः - कौ - के ।
२ कम् - कौ - कान् ।
३ केन - काभ्यां - कैः ।
४ कस्मै - काभ्यां - केभ्यः ।
५ कस्मात् - काभ्यां - केभ्यः ।
६ कस्य - कयोः - केषां ।
७ कस्मिन् - कयोः - केषु ।
१.कौन ।
२, किसको ।
३.किसके द्वारा ।
४. किसके लिये ।
५.किससे ।
६. किसका ।
७. किसमें या किस पर
मकारान्त स्त्री-लिंग "किम्" शब्द ( कौन)
१ का - के - काः ।
२ कां - के - काः ।
३ कया - काभ्यां - काभिः ।
४ कस्यै - काभ्यां - काभ्यः ।
५ कस्याः - काभ्यां - काभ्यः ।
६ कस्याः - कयोः - कासां ।
७ कस्यां - कयोः - कासु ।
१. कौन ।
२. किसको ।
३. किसके द्वारा ।
४. किसके लिये ।
५. किससे ।
६. किसका
७. किसमें या पर
मकारान्त नपुंसक-लिंग 'किम्' शब्द (क्या)
१ किं - के - कानि ।
२ किं - के - कानि ।
३ केन - काभ्यां - कैः ।
४ कस्मै - काभ्यां - केभ्यः ।
५ कस्मात् - काभ्यां - केभ्यः ।
६ कस्य - कयोः - केषां ।
७ कस्मिन् - कयोः - केषु ।
१ कौन ।
२. क
[13/11, 19:08] Shiva Tripathi Phd: िसको ।
३. किसके द्वारा ।
४. किसके लिये ।
५. किससे ।
६. किसका ।
७. किसमें या किस पर
वाक्य बनाना ( To make a sentence)
Examples-
कर्ता ( subject )
कर्म ( object )
क्रिया ( verb )
सः पुस्तकं पठति ।
( He reads a book )
त्वं फलं खादसि ।
( You eat a fruit )
अहं पाठशालां गच्छामि ।
( I go to school )
।। शब्द ।।
सः=वह ।
त्वम्:=तुम ।
अहम्:=मैं।
सः गच्छति ।
:=वह जाता है ।
त्वं गच्छसि ।
:=तू जाता है ।
अहम् गच्छामि
:=मैं जाता हूँ ।
शब्द
कुत्र=कहाँ ।
अत्र=यहाँ ।
यत्र=जहाँ ।
तत्र=वहाँ ।
सर्वत्र= सब जगह ।
किम्=क्या ।
(स्थान-वाचक)
१ त्वम् कुत्र गच्छसि?
:=तुम कहाँ जाते हो?
२ यत्र सः गच्छसि ।
:=जहाँ वह जाता है ।
३ अहं तत्र गच्छामि ।
:= मैं वहाँ जाता हूँ ।
४ सः कुत्र गच्छति ।
:= वह कहाँ जाता है?
५ यत्र अहम गच्छामि ।
:=जहाँ मैं जाता हूँ ।
६ त्वं सर्वत्र गच्छसि ।
:=तू सब स्थन पर जाता है ।
७ किं सः गच्छति?
:=क्या वह जाता है?
८ सः गच्छति किम्?
:=वह जाता है कहाँ?
९ सः कुत्र गच्छति?
:= वह कहाँ जाता है?
१० यत्र त्वं गच्छति ।
:=जहाँ तुम जते हो ।
११ त्वं गच्छसि किम्?
:=तू जाता है क्या?
१२ अहं सर्वत्र गच्छामि ।
:= मैं सब जगह जाता हूँ ।
इन वाक्यों में स्थान क नाम भर दो तो नया वक्य बन जात है जो ऊपर के प्रश्नों के उत्तर हैं ।
अहं गृहम् गच्छामि ।
:= मैं घर को जाता हूँ ।
त्वं पाठशालाम् गच्छसि ।
:=तुम स्कूल जाते हो ।
आदि आदि,,, sanskrit-प्रभा चैनल को like, subscribe,share करें।
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