Friday, December 7, 2018

Prayer to cupid - manmatha - Shrungara satakam of Bhartruhari - Sanskrit sloka

|| ॐ ||
   " सुभाषितरसास्वादः " 
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    " नमनश्लोक " ( २६४ )
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    श्लोक---
   " शंभु स्वयंभु-- हरयः हरिणेक्षणांना  येन  अक्रियन्त  सततं गृहकुम्भदासाः।
   वाचाम्  अगोचर  चरित्र  पवित्रिताय  नमो  भगवते  मकर-ध्वजाय ।। " 
   ( भर्तृहरि  नमन  श्लोक )
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   अर्थ---
  शंकर , ब्रह्मदेव  और  विष्णु  इन  तीनों  को  मृगनयनीयों  ने  घरगडी  बनाकर  रखा  है  , ऐसे  भगवान  मदन  को  मेरा  नमस्कार ।
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गूढ़ार्थ---
  शंकर  को  पार्वती ने  नयन बाण  से  घायल  किया ,  ब्रह्मदेव  की  भी  यही  हालत  हो  गयी  जो  सरस्वती  ने  की  और  लक्ष्मी  ने  विष्णु  को  नयनों  से  घायल  किया ।  यह  तीनों  सुन्दर  स्त्रियों  ने  ब्रह्मा, विष्णु और  महेश  को  घरगडी  मतलब  नौकर  बना  के  रख  दिया  और  इनके  पिछे  कारण  कौन  तो  भगवान  मदन  इनके  ही  शक्ति  से  यह  तीनों मृगनयनी 
  देवों  को  भी  घायल  कर  सकी ।  स्त्रियों  ने  देवों  को  भी  दास बनाकर  रखा  है  तो  सामान्य  मनुष्य  का  क्या  कहना ?
ऐसे   भगवान  मदन  को  नमस्कार 👏👏👏👏👏।
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卐卐ॐॐ卐卐
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डाॅ. वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे  / नागपुर  महाराष्ट्र 
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