अद्भिर्गात्राणि सिद्ध्यन्ति मनः सत्येन शुद्ध्यति।।
विद्यातपोभ्यां भूतात्मा बुद्धिर्ज्ञानेन शुद्ध्यति।।मनुस्मृति।।
जल से शरीर शुद्ध होता है, सत्य से मन शुद्ध होता है, विद्या और तप से आत्मा की शुद्धि होती है तथा
बुद्धि ज्ञान से शुद्ध होती है।
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