Thursday, October 11, 2018

Sanskrit conversation in a vegetable market

संस्कृत वार्तालाप या संस्कृत वाग्व्यवहार

इस 'संस्कृत वाग्व्यवहार' के माध्यम से आप परस्पर संस्कृत में वार्तालाप कर सकेंगे। समाज में प्रचलित शब्दावलियों का ज्ञान कर सकेगें। ये सभी लोक व्यवहार में उपयोगी संवाद है। संवाद का स्तर अत्यन्त साधारण रखा गया है। इन संवादों का आप जीवन में उपयोग होता है। संवाद में अवसरोचित क्रियाओं प्रयोग नई वाक्य शृंखला में किया जा सकता है।

 *सब्जी विक्रेता* 

आपणिकः - आगच्छतु किम् आवश्यकम्।
दुकानदार - आओ! क्या आवश्यक है?
महिला - एतस्य कूष्माण्डस्य एककिलो परिमितस्य कतिरूप्यकाणि।
महिला - यह कूष्माण्ड एक किलो कितने रुपये का है।
आपणिक - एतस्म किलोपरिमितस्य अष्टारुप्यकाणि।
दुकानदार - यह एक किलो आठ रुपये का है।
आपणिक - कूष्माण्डः मास्तु वा।
दुकानदार - कुम्हाड़ा रहने दो।
महिला - किलोद्वयमितं कूष्माण्डं एककिलो परिमितं गृंजनकम्, अर्धकिलो
महामरीचिकां च ददातु। वृंत्ताकम् अपि एक किलो परिमितम्।
भिण्डीनकानि नष्टानि खलु? उत्तमानि न आनीतवान् किम्?
महिला - दो किलो कूष्माण्ड एक किलो गाजर आधा किलो मिर्चा दे दो। बैगन भी एक किलो। भिण्डिया नष्ट हो गईं। अच्छी नहीं आईं क्या?

आपणिकः - उत्तमानि विण्डीकानि स्यूते एव सन्ति। आवश्यकम् किम्?
दुकानदार - उत्तम भिण्डी झोले में ही है। आवश्यक है क्या?

महिला - किलो मात्रपरिमितं ददातु। आहत्य कतिरूप्यकाणि इति वदतु शीघ्रं गन्तत्यम्।
महिला - किलो मात्र दे दो। जोड़कर कितने रूपये हुये बताओ। मुझे जल्दी जाना है।
आपणिकः - आहत्य पंचसप्ततिरूप्यकाणि कारवेल्लं मास्तु वा?
दुकानदार - जोड़कर पचहत्तर रूपये हुये। करेला रहने दो।
महिला - कटु इत्यतः कारवेल्लं मम गृहे न खादन्ति पर्याप्तम्। अस्मिन् स्यूते सर्वाणि वस्तुनि स्थापयतु धनं स्वीकरोतु।
महिला - कड़वा होता है अतः मेरे घर में करेला नहीं खाते हैं। पूरा हुआ। इस झोले में सभी वस्तुएँ दो। पैसे लो।
आपणिक - परिवर्तः नास्ति किम्? अस्तु स्वीकरोतु।
दुकानदार - अच्छा बदलना तो नहीं है? अच्छा स्वीकार करो।

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