|| *ॐ* ||
" *सुभाषितरसास्वादः* "
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" *कूटप्रश्नः* " ( १८३ )
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*श्लोक*----
" अर्धचन्द्रसमायुक्तं पुंनाम चतुरक्षरम् ।
ककारादि लकारान्तमिह जानाति पण्डितः " ।।
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*अर्थ*---
आधे चांद के जैसा दिखनेवाला , पुल्लिंग और जिसके नाम में चार अक्षर है । जिसकी शुरूआत " क " से होती है आखरी अक्षर " ल " है ।
इसे जो जानेगा वह पण्डित कहालेयेगा ।
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*गूढ़ार्थ*----
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डाॅ. वर्षा प्रकाश टोणगांवकर
पुणे / नागपुर महाराष्ट्र
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