Friday, June 8, 2018

Sreesca te lakshmi -shukla yajur veda Sanskrit

श्रीश्च ते लक्ष्मीश्च पत्न्यावहोरात्रे पार्श्वे नक्षत्राणि रूपमश्विनौ व्यात्तम्।इष्णन्निष्णामुं म इषाण सर्वलोकं म इषाण।।(शु०य०३१/२२)
सोमस्याधिदेवता-उमा(शिवा)।तस्यै नमः।सा समेषां सुप्रभातं विदधातु।
चन्द्रग्रह के अधिदेवता(अधिष्ठाता)
सतीशिरोमणि भगवती गिरिजा है।वे समस्त विश्व की  पतिप्राणा नारियों की आदर्श प्रतिमान हैं। वे सभी  के मानस में सद्गुणों के प्रति निष्ठा एवं दृढता का भाव उत्पन्न करें जिससे मानवता विजयिनी हो तथा  दानवीदुराचार निर्मूल हो ।जयतु वैदिको थर्मः,संस्कृतिश्च।

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