Thursday, June 7, 2018

Sanskrit puzzle

|| *ॐ* ||
      " *सुभाषितरसास्वादः* " 
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     " *प्रहेलिकाः* " ( ९८ )
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      *श्लोक*-----
       " यन्नाम्नः प्रथमक्षरं  विजयते  भानौ  द्वितीयक्षरं
         नित्यं  नृत्यति  सत्कवीन्द्रवदने  भूत्वान्त्यवर्णद्वयम् ।
         रामो  रावणमाजघान  समरे  शम्भोः  शिरः शालिनी 
          सा  सर्वाघविनाशिनी  विजयतां  जानन्तु  तां  पण्डिताः " ।।
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   *अर्थ*-----
जिसके  नाम  का  पहला  अक्षर  भानु  इस  शब्द में  के  पहले  अक्षर  जैसा शोभायमान होता है । दुसरा अक्षर उत्तम  कवियों  के मुख में  नर्तन  करता है। और आखरी  की दो अक्षरों  से एक शब्द  तयार  होकर  राम ने  जिस रावण  को समरांगण  में  मारा  उसका  विशेषण है और  वह  शंकर का मस्तक  भूषित  करती  है , जो  सब  पापों  का नाश  करती  है , वह हमेशा विजयी  होवे  और  विद्वान  लोग  उसे  जाने । ( ऐसी वह  कौन है ? )
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*गूढ़ार्थ*---
    भानु  इस शब्द  का  पहला अक्षर  *भा* ।  और  जो  उत्तम  कवियों  के  मुख  में  सदैव  नर्तन  करती  है  वह  है  गीर्वाणवाणी  मतलब  दुसरा  अक्षर है  *गी* ।  इस तरह से पहले दो अक्षरों  की पहचान  हो गयी । अब  आखरी  के  दो अक्षर  राम  का  विशेषण  *रथी* ।  जिसको  शंकर  ने  अपने  मस्तक  पर  धारण  किया  है  जिसको  सब  पवित्र  मानते  है ।
जिसमें  स्नान  करने  के  बाद  सब  पापों का नाश  होता  है ।
तो  उत्तर  हुआ --- *भागीरथी* ।
है  न  संस्कृत  भाषा  मजेदार ?
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*卐卐ॐॐ卐卐*
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डाॅ. वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे  / नागपुर  महाराष्ट्र 
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