Thursday, May 3, 2018

As you sow, so you reap-Sanskrit subhashitam

Courtesy Sri bharat 
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 *यथा देशस्तथा भाषा यथा राजा तथा प्रजाः ।*
*यथा भूमिस्तथा तोयं यथा बीजं तथाङ्कुरः ॥*        
                    
जैसा देश वैसी बोली, 
जैसा राजा वैसी प्रजा, 
जैसी जमीन वैसा पानी, 
और जैसा बीज वैसा अंकुर होता है ।
*।। हमारे लिए हमारी तकदीर किसी बाहरी शक्ति ने नहीं बनाई है; हम अपने लिए इसका निर्माण खुद करते हैं। हम वर्तमान में जो सोचते हैं और करते हैं, उसी से तय होता है कि भविष्य में हमारे साथ क्या होगा।।*
🙏🏻💐🙏🏻आपका दिवस  मंगलमय हो।🙏🏻💐🙏🏻💐🌺🌸🌷💐🌺🌸🌷💐🌺🌸

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