Tuesday, December 5, 2017

Truth and salvation - Mahabharata

हरि ॐ तत्सत्!  सुप्रभातम्। भवतु  सदा  मङ्गलम्।

*महापुरुषाणां सद्वाणी*

वेदस्योपनिषत्सत्यं  सत्यस्योपनिषद्  दमः।
दमस्योपनिषन्मोक्ष  एतत्सर्वानुशासनम्॥

महर्षि वेदव्यास से उपदेशित करते हैं, वेदों का सारतत्त्व सत्य है। सत्य का सार है, इन्द्रियसंयमरूप दम। दम का सार है मोक्ष। यही सम्पूर्ण शास्त्रों का उपदेश है।
(महाभारत-शान्तिपर्व)

मोक्ष- अनात्मवस्तुअों से सहज विरक्ति और आत्मस्थिति मुक्ति (मोक्ष) है।

जबतक सत्यता, निर्मलता, पवित्रता और पारदर्शिता का सहज स्वरूप जीवन में सदाचरित नहीं होगा, तबतक आध्यत्मिक जीवन की परिकल्पना करना, शुष्कवृक्ष से छाया और फल की निरर्थक आशा करने के समान है।

॥ सत्यसनातनधर्मो विजयतेतराम् ॥

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