☘ *सुप्रभातम्* ☘
राष्ट्र रक्षा समं पुण्यं,
राष्ट्र रक्षा समं व्रतम्,
राष्ट्र रक्षा समं यज्ञो,
दृष्टो नैव च नैव च।।
अर्थ :- राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य नही, राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नही, राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नही है।
🙏🏻 *सुदिनम्* 🙏🏻
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