।।श्रीमते रामानुजाय नमः।।
श्रद्धावाँल्लभते धर्म श्रद्धावानर्थमाप्नुयात् !
श्रद्धया साध्यते कामः श्रद्धावान् मोक्षमाप्नुयात् !!
–नारद पुराण 4/6
श्रद्धावान व्यक्ति को ही धर्म की प्राप्ति होती है, श्रद्धावान को ही अर्थ की भी प्राप्ति होती है ! श्रद्धावान पुरुष के ही सम्पूर्ण कार्य सिद्ध होते हैं, तथा श्रद्धावान को ही मोक्ष की भी प्राप्ति होती है ।
–जय श्रीमन्नारायण।
As per Bhagavad Gita 4/39 it is श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं
श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति।।4.39।।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति।।4.39।।
श्रद्धावान, (साधनामें) तत्पर और जितेन्द्रिय मनुष्य ज्ञानको प्राप्त होता है; ज्ञानको प्राप्त होकर वह तत्काल ही उत्कृष्ट शांतिको प्राप्त होता है ।
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