Monday, May 31, 2021

Penance -Sanskrit subhashitam

*७११ . ।। तपः ।।*

*तपसा प्राप्यते स्वर्गस्तपसा* 
          *प्राप्यते यशः ।*
*आयुः प्रकर्षों भोगाश्च* 
          *लभ्यन्ते तपसा विभो ॥*  

तप करण्याने स्वर्ग मिळतो , तपाने यश प्राप्त होतें . तसेच दीर्घायुष्य , सन्मान , उपभोग आणि वैभव या सर्व गोष्टी तपाने प्राप्त होतात . 

तप करने से स्वर्ग मिलता हैं और तप से ही यश मिलता हैं । साथ ही दीर्घायुष्य , सन्मान , उपभोग और वैभव ये सभी चीजे तप से प्राप्त होती हैं ।

With the performance of penance , one achives the heaven and splendor . Besides , longlife , honour , pleasure and luxury are achieved with the same .

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