Wednesday, September 9, 2020

Bhava - Sanskrit subhashitam

न देवो विद्यते काष्ठे न पाषाणे न मृण्मये।*
*भावे हि विद्यते देवस्तस्माद् भावो हि कारणम्॥*

भावार्थ : *ईश्वर न काष्ट में हैं, न मिट्टी में, न मूर्ति में । वह केवल भावना में रहता है । अतः भावना ही मुख्य है।*

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