बात
------
(१)कड़वी बातें आखिरकार झगड़ों में ही बदल जाती है।
**कटुवचनं विवादाय भवति।
(२)मीठी/ चिकनी-चुपडी बातें सबको खुश कर देती हैं।
**रसिकानि वचनानि(मिथ्यावार्ताः) सर्वेभ्यः प्रसन्नतां ददति।
(३) मैं आपसे दो बातें कहना चाहता हूं।
**अहं भवन्तं द्वे वचने/वचनद्वयं वक्तुमिच्छामि।
(४)बात मत बनाओ।
**व्यपदेशं मा कार्षी:।
(५)यह दुख की बात है।
**एषा दुःखदा वार्तास्ति।
(६)उसने मेरी समस्याओं को बातों में उड़ा दिया।
**स मम समस्या: परिहासेन विजल्पितवान्।
**स मम समस्याया: उपहासं कृतवान्
(७)मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं।
**अहं भवता साकं काञ्चन वार्तां कर्तुमिच्छामि।
(८)उसने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया।
**स मम विचारान् उपेक्षितवान्।
(९)मैं बात का पक्का हूं=अहं वचननिष्ठोऽस्मि।
(१०)वह अपनी बातों से मुड़ गया।
**स स्वचनात् पराङ्गमुखोऽभूत्।
(११)मैं उसकी बातों में आ गया।
**अहं तस्य कपटवार्तायां बन्धितवान्।
(१२) कोई बात नहीं।
**चिन्ता मास्तु।
(१३)यह महत्व की बात नहीं।
**इदं महत्त्वभूतं वचनं नैव।
(१४)यह हंसने की बात नहीं।
**हास्यविषय: नैव अयम्।
(१५) जहां तक उसकी बात का सम्बन्ध है।
**यावत् तस्य कथनस्य सम्बन्धोऽस्ति।
(१६)बात पक्की हो गई।
**वार्ता सुनिश्चिता अभूत्।
(१७)हमलोगों में बाता-बाती हो गई।
**अस्मासु परस्परं विवादोऽभूत्।
(१८)बात बहुत बिगड़ गई।
**वार्ता भृशं दूषिता।
**वार्ता दुर्गतिमलभत्।
(१९)लम्बी-चौड़ी बातें मत करो।
**अनर्गलप्रलापं मा कर्षी:।
(२०) मुझे लम्बी-चौड़ी बातें पसंद नहीं।
**मृषाप्रवचनं मह्यं न रोचते।
(२१)छोटी मुंह बड़ी बात।
**क्षुद्रबुद्धि: महती आत्मश्लाघा।
No comments:
Post a Comment