Wednesday, February 26, 2020

Tambhaaku - Sanskrit puzzle

|| *ॐ* ||
   " *सुभाषितरसास्वादः* "
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   " *समस्यापूर्ति* " ( १२६ )
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*श्लोक*----
  " प्रहारितोऽपि  मार्जारस्तमाखुं  नैव  मुञ्चति ।
     तथैव  बोधितो  मूर्खस्तमाखुं  नैव  मुञ्चति " ।।
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  *अर्थ*---
मारा  तो  भी  मार्जार ( बिल्ली )  तंबाखु  छोडती  नही । और  कितना  भी  उपदेश  करो  तो  भी  मूर्ख  मनुष्य  उस  चूहे  को  छोड़ता  नही है ।
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  *गूढ़ार्थ*-----
  पहिले  चरण  में  तमाखु  इस  शब्द  का संधिविग्रह  किया  तो  ---
तम + आखु । कितना  भी  मारा  तो  भी  मार्जार  उस  चूहे  को  छोडती  नही है ।
  दुसरे  चरण  में  *तमाखु* का  संधिविग्रह  नही  किया  तो  ऐसा  अर्थ  निकल  रहा  है  --- कितना  भी  उपदेश  करो  लेकीन  मूर्ख  मनुष्य  तंबाखु छोड़ता  नही  है । ऐसा  अर्थ  हो  रहा  है ।
इस  तरह  से  समस्या की  पूर्ति  हो  रही है ।
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*卐卐ॐॐ卐卐*
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डाॅ. वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे  /  महाराष्ट्र 
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