Friday, February 28, 2020

Mrutyunjaya- Sanskrit puzzle

|| *ॐ* ||
     " *सुभाषितरसास्वादः* "
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   " *कूटानि* " ( कूट और विषम  प्रश्न ) ( १०६ )
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  *श्लोक*----
  " विराजराजपुत्रारेर्यन्नाम्  चतुरक्षम् ।
    पूर्वार्धं  तव  शत्रूणां  परार्धं  तव  संगरे " ।।
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*अर्थ*----
पक्षियों  के राजा के जो राजा , उसके पुत्र  के  शत्रु  का  चार  अक्षरी नाम  है , तो  वह  कौन  है ?  उस  चार  अक्षरी  नाम  का  पहला  भाग  आपके  शत्रु  को  प्राप्त  हो  मतलब  दो  अक्षर  शत्रु  को  प्राप्त  हो  और  दुसरा  आधा  भाग  मतलब  आखरी  की  दो  अक्षर  युद्धभूमी  में  आपको  प्राप्त  हो ।  तो  शीघ्र बताईये  वह  नाम  क्या  है ?
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  *गूढ़ार्थ*------
इस  श्लोक का कूट  अर्थ  ऐसा  है  की --- विः  मतलब  पक्षी  उन  पक्षियों  का  राजा  मतलब  गरूड़  , गरूड़  का  राजा  " विष्णु " । उस  विष्णु  का  पुत्र  कामदेव , उसका  अरि ( शत्रु ) मतलब  शंकर ,  उस शंकर  का  चार अक्षरी  नाम  " *मृत्युंजय* "।
  अब  हे  राजन  मृत्युंजय  शब्द  की  पहली  दो  अक्षरे  आपके  शत्रु  को  मिले मतलब " मृत्यु "  और  आखरी के  दो  अक्षर आपको  युद्धभूमी  में  प्राप्त  हो  मतलब  " जय "।शत्रु  को मृत्यु  प्राप्त  हो और आपको  युद्धभूमी  में  जय  प्राप्त होवो ! ,यह आशीर्वाद  दिया  गया  है ।   
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डाॅ. वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे  /   महाराष्ट्र 
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