Friday, January 24, 2020

Simple sentences in Sanskrit

*ॐ सुरभारत्यै नमः॥ वन्दे मातरम् ॥*

   *(तन् -८ उ०- फैलाना)*

    *तनोति-तनुते*
१-रविः प्रकाशं तनोति।=सूर्य प्रकाश फैलाता है।
२-सः तल्पं तनोति।=वह बिस्तर फैलाता है।
३-भवान् किं तनुते?=आप क्या फैलाते हैं?

    *तनोतु-तनुताम्*
४-ज्ञानी ज्ञानं तनोतु।=ज्ञानी ज्ञान फैलाये।
५-कश्चित् कुविचारं न तनोतु।=कोई कुविचार न फैलाये।
६-भवती स्नेहभावं तनुताम्।=आप प्रेमभाव फैलायें।

     *अतनोत्-अतनुत*
७-एषः करं न अतनोत्।=इसने हाथ नहीं फैलाया।
८-इयं वस्त्राणि अतनोत्।=इसने कपड़े फैलाये।
९-एतत् कः अतनुत?=यह कौन फैलाया?

     *तनुयात्-तन्वीत*
१०-सः शिवं तनुयात्।=उसे शुभ फैलाना चाहिये।
११-भवान् अपि तनुयात्।=आपको भी फैलाना चाहिये।
१२-आचार्यः संस्कृतज्ञानं तन्वीत।=आचार्य को संस्कृतज्ञान फैलाना चाहिये।

      *तनिष्यति-तनिष्यते*
१३-सः किं तनिष्यति?=वह क्या फैलायेगा।
१४-एषा मिथ्या न तनिष्यते।=यह झूँठ नहीं फैलायेगी।
 _■[वाक्य ३,६,९,१२और१४ आत्मनेपदी]■_

        *■कर्मवाच्य■*
१५-मया/त्वया/तया/भवत्या सुविचारः *तायते* ।
      (मेरे/तुम्हारे/उसके/आपके द्वारा सुन्दर विचार फैलाया जाता है)
१६-भवता/तेन/एतया किं *तन्यते*?
      (आपके/उसके/इसके द्वारा क्या फैलाया जाता है)

*जयतु संस्कृतम्॥ जयतु भारतम्॥*

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