Wednesday, January 1, 2020

Sanskrit puzzle

|| *ॐ* ||
              " *सुभाषितरसास्वादः* "
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             " *प्रहेलिका* " ( कोडे ) ( ७४ )
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*श्लोक*----
"  पञ्चदशीरजनीसमा  तारामणिभूषणापि  कोकिलवाक् ।
   चन्द्रसमा  गतवसना  हस्तगता  स्त्री  न  मे  वीणा " ।।
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*अर्थ*----
पौर्णिमा  के  चंद्रसमान  मुख  वाली ,  तारों  के  जैसे  चमकने  वाली,  मणियों  से  सुशोभित  ऐसी  और  कोकिल  के  जैसे  मधुर  वाणी  जिसकी  है  किन्तु  वस्त्रों  का  अभाव  वाली  ऐसी  यह  स्त्री  कौन  है ?
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*गूढ़ार्थ*----
न स्त्री , मे वीणा ।
प्रश्नेषु गुप्तानि तदुत्तराणि ।  
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*卐卐ॐॐ卐卐*
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डाॅ. वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर 
पुणे /   महाराष्ट्र 
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