Monday, April 8, 2019

Naga pancami story in Agni Puran

|| *ॐ* ||
     " *संस्कृत-गङ्गा* " ( ३८ )
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" *नारद पुराण* " अध्याय संख्या पूर्वखण्ड-१२५+ उत्तर खण्ड ८२
इस पुराण में मुख्यतया अनेक तीर्थक्षेत्रों का माहात्म्य,देवताओं के योग,धर्माचार आदि का प्रतिपादन  अधिक मात्रा में है। केवल गंगावतरण कथा तथा धर्माख्यान इसमें उल्लेखनीय है।
"मार्कण्डेय पुराण" अध्याय संख्या १३७
(१)इक्ष्वाकुचरित (२)तुलसीचरित (३)रामकथा(४)नहुषकथा(५)ययाति कथा  (६)अग्नि,सूर्य आदि वैदिक देवताओं के आख्यान (७)हरिश्चन्द्र आख्यान (८)दत्तात्रेय अवतार कथा(९)मदालसा(१०)ऋतुध्वज तथा अलर्क के आख्यान (११)दुर्गासप्तशती(अर्थात भगवती का चरित्र)(११)नाभाग,करंधम,मरुत,नरिष्यन्त इत्यादि महापुरुषों के चरित्र  (१२)श्रीकृष्ण चरित्र  (१३)मार्कण्डेय चरित्र ।
" *अग्नि पुराण* "- अध्याय  संख्या ३८३
 (१) मत्स्य, कुर्म ,वराह आदि अवतारों का वर्णन (२)रामायण की कथा(३)श्रीकृष्ण  का चरित्र  (४)महाभारत  आख्यान (५)बुद्ध तथा कल्कि अवतार।
इस पुराण में शास्त्रज्ञान अधिक विस्तार से निवेदित किया है।"आग्नये ही पुराणेऽस्मिन् सर्व विद्या प्रतिष्ठिताः। यह स्तुतिवचन यथार्थ है।
"भविष्य पुराण"- अध्याय संख्या पूर्वार्ध ४१+ उत्तरार्ध १७१
(१) नागपञ्चमी व्रत कथा (२) सूर्यमाहात्म्य की कथा।
इसमें अनेक राजाओं का वर्णन है जो रानी व्हिक्टोरिया तक जाता है।
कल ब्रह्मवैवर्त पुराण और लिड़्ग पुराण।
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डाॅ. वर्षा प्रकाश टोणगांवकर 
   पुणे  / महाराष्ट्र
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