Tuesday, January 1, 2019

Sanskrit poem on lakshmi

श्रीमहालक्ष्मै नमः
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कनकवसनकान्ता पद्मनाभस्य कान्ता
धृतविविधसुवर्णा दिव्यचाम्पेयवर्णा।
धनवितरणशक्ता भक्तलोकातिसक्ता
सरसिजसदना सा पातु नः सौम्यनासा।।

                (व्रजकिशोरः)

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