Thursday, October 11, 2018

Sanskrit puzzle

||ॐ||
"सुभाषित  रसास्वाद"
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"कूटप्रश्न"। ( २२५ )
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श्लोक----
" भारतं  इक्षुदण्डं  च  कलानाथं  च  वर्णय ।
कालिदासः कविर्ब्रूते  "  प्रतिपर्वरसावहम्"।।"
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अर्थ---
एक  ही  शब्द  में  महाभारत , गन्ना  और  चन्द्र  इसका  वर्णन  कैसे  करोगे?
इसका  उत्तर  कालिदासने " प्रतिपर्वरसाहम्" ऐसा  दिया ।
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गूढार्थ---
भोज  राजा  के  दरबार  में  घटी  हुई  यह घटना  है ।  एक  बार  राजा  भोज  ने  कविवृंद  से  भरी  हुए  सभा  में  यह  प्रश्न  किया-- महाभारत , गन्ना  और  चन्द्र इन  तिनों  का  वर्णन  एक शब्द  में  समर्पकता  से  किया  जाए ।
तब कवि  कालिदास  ने  तुरंत  उत्तर  दिया--" प्रतिपर्वरसप्रद"।
महाभारत का  हर  पर्व  सुरस  है ।  गन्ने  के  हर  कांड( पेर्यात) रस  से  भरा  हुआ  है ।  और  चन्द्र  प्रत्येक  पर्वकाल  में  कल्याणकारी  होता  है ।
सुभाषितों  में  से  कुछ  ना  कुछ  ज्ञान प्राप्ति  जरूर  होती  है ।
इसलिए  ही  सुभाषित  हमारी  धरोहर  है ।
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डाॅ.  वर्षा  प्रकाश  टोणगांवकर   
पुणे / नागपुर  महाराष्ट्र 
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