Tuesday, October 23, 2018

Rama cannot be compared-Sanskrit sloka

काष्ठं कल्पतरुः सुमेरुरचलश्चिन्तामणिः प्रस्तरः 
सूर्यस्तीव्रकरः शशीक्षयकरः क्षारोहि वारां निधिः ।
कामो नष्टतनुर्बलिदितिसुतो नित्यं पशुः कामगाः 
नैस्तांस्ते तुलयामि भो रघुपते कस्योपमादीयते ।।
अर्थ:-
कल्पतरु तो एक लकड़ी ही है। सुवर्ण का सुमेर पर्वत तो निश्चल है। चिंता मणि तो एक पत्थर है। सूर्य में ताप है। चन्द्रमा तो घटता बढ़ता रहता है। अमर्याद समुद्र तो खारा है। काम देव का तो शरीर ही जल गया। महाराज बलि तो राक्षस कुल में पैदा हुए। कामधेनु तो पशु ही है। भगवान् राम के तुलना किससे करूँ?
(अग्रेषितम्)

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