|| *ॐ* ||
" *सुभाषितरसास्वादः* "
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" *प्रहेलिकाः* " ( ११६ )
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*श्लोक*-----
" जलाशये ममोत्पत्तिः
द्विदला पेटिका खलु ।
स्वातिनक्षत्रसम्बद्धा
मुक्तागर्भा सुशोभना ।।
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*अर्थ*----
जलाशय में मेरी उत्पत्ति है ।
द्विदल ऐसी पेटिका है ।
स्वातीनक्षत्र से मेरा सम्बन्ध है ।
मौक्तिक के गर्भ के कारण मै सुशोभित होती हूँ ?
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*गूढ़ार्थ*----
?????????????
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*卐卐ॐॐ卐卐*
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डाॅ. वर्षा प्रकाश टोणगांवकर
पुणे / नागपुर महाराष्ट्र
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